देश में कोरोना का पीक गुजर गया, सरकार ने कहा - दूसरी लहर की आशंका को नहीं कर सकते खारिज

By: Pinki Sun, 18 Oct 2020 3:12:59

देश में कोरोना का पीक गुजर गया, सरकार ने कहा - दूसरी लहर की आशंका को नहीं कर सकते खारिज

देश में कोरोना का पीक गुजर चुका है। सरकार ने रविवार को इसका अधिकारिक ऐलान कर दिया। सरकार की ओर से नियुक्‍त वैज्ञानिकों की एक कमेटी ने अनुमान लगाया कि भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण का पीक गुजर चुका है। हालांकि इसके साथ ही कमेटी ने कहा कि देश में महामारी की दूसरी लहर की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है और इस कारण फरवरी 2021 में भारत में कोरोना के सक्रिय केस 1.06 करोड़ से अधिक होने की आशंका है। कमेटी का कहना है कि ऐसे में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बचाव वाले जरूरी कदम ऐसे ही चालू रहने चाहिए।

आपको बता दे, 17 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस 10.17 लाख थे, इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है और ये 7.83 लाख तक पहुंच चुके हैं।

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना केस और महामारी से होने वाली मौतों में गिरावट आई है, लेकिन ठंड में कोरोना की दूसरी लहर आने से इनकार नहीं किया जा सकता। पॉल, देश में महामारी से निपटने के लिए बनाई गई कमेटी के चीफ हैं।

पॉल ने यह भी कहा कि भारत अभी भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, लेकिन देश को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि 90% लोग अभी भी कोरोनो वायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं।

कमेटी का कहना है कि अगर भारत में मार्च में कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन न लगाया जाता तो देश में अब तक कोविड 19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा 25 लाख पार कर जाता। लेकिन लॉकडाउन के कारण फायदा मिला और अब तक देश में 1.14 लाख मौतें हुई हैं। हालांकि सर्दियों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भी चिंता व्‍यक्‍त की गई है।

सरकार की ओर से गठित की गई वैज्ञानिकों की इस कमेटी में केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन भी शामिल हैं। इस कमेटी के प्रमुख आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर हैं। पॉल का कहना है कि हम सर्दी के मौसम में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं कर सकते। एक बार टीका आ जाए, उसके बाद उसे नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।

बता दें कि भारत में कोविड-19 का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या रविवार को लगातार दूसरे दिन आठ लाख से कम रही। यह संख्या देश में कुल मामलों का 10.45% है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। आंकड़ों के अनुसार फिलहाल देश में कोविड-19 के 7,83,311 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से उबर चुके लोगों की संख्या 65,97,209 है, जो इलाज करा रहे रोगियों की संख्या से 58,13,898 अधिक है।

मंत्रालय ने कहा कि देश में संक्रमण से उबरने की दर 88.03% है। मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत लगभग 22 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में 20 हजार से भी कम कोविड-19 रोगियों का इलाज चल रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा में कोविड-19 का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या 20 हजार से 50 हजार के बीच है। वहीं तीन राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में रोगियों की संख्या 50 हजार से अधिक है।

उधर, भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी गई है। 16 सितंबर को रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड और भारत की फार्मास्यूटिकल कंपनी डॉ। रेड्‌डी के बीच भारत में स्पुतनिक वी के ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर सहमति बनी थी।

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